Sunday, August 19, 2007

आवारा मसीहा

सबसे पहले मैं क्षमाप्रार्थी हूँ अपने ब्लोग के इस नाम के लिए ।
हो सकता है कि कुछ लोगों को इस नाम मे आप्ती हो लेकिन इस नाम के दो कारण है पहला तो ये की मैंने काफी नामों को रखकर देखा पर कोई भी नही मिल सका, दूसरा ये कि मुझे रचना काफी अच्छी लगती है

1 comment:

उन्मुक्त said...

अवारा मसीहा, शरतचन्द्र की बेहतरीन जीवनी है। मुझे भी बेहद पसन्द है। स्वागत है हिन्दी चिट्टाजगत में।